Introduction to Indian Ancient chemistry and Know the contribution of India 1

भारतीय प्राचीन रसायन शास्त्र का परिचय एवं भारत का योगदान (Introduction to Indian Ancient chemistry and contribution of India)

Chapter -1 (भारतीय प्राचीन रसायन शास्त्र का परिचय एवं भारत का योगदान
introduction to Indian ancient chemistry and contribution of India)

 सिंधु घाटी सभ्यता 2600 से 1900पूर्व 

सिंधु घाटी सभ्यता सबसे प्राचीन प्रारंभिक समाज था जिसने सड़कों सार्वजनिक स्नान घरों मंदिरों और अन्न भंडार आदि के रूप में चित्रित एक विस्तृत व्यवस्थित विकसित की थी यह कहा जा सकता है कि भारत में प्रारंभिक रसायन विज्ञान की कहानी यहीं से शुरू होती है मिट्टी के बर्तनों को सबसे प्रारंभिक रसायन प्रक्रिया के रूप में माना जा सकता है
उदाहरण- औषधीय तैयार करने में प्लास्टर बनाने में बाल धोने में आदि के लिए करते थे उन्होंने धातुओं से विभिन्न प्रकार की वस्तु में बनाएं थी

    ऐतिहासिक काल 
   (The historic period)

ऋग्वेद के अनुसार इस काल में चमड़े का संशोधन और कपास की रंगाई का अभ्यास किया जाता था इस काल में चमड़े का चरमशोधन हुआ और वेदों के बाद ब्रह्मांड उपनिषद और पुराण जैसे शास्त्रीय ग्रंथ आए जो इस कल की रासायनिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देते था!

प्रश्न – ऐतिहासिक काल मे कैटिलय का अर्थशास्त्र क्या था?
उत्तर – कैटल का अर्थशास्त्र इस कल का एक वैज्ञानिक मिल का पत्थर था!
ऐतिहासिक काल के बाद के काल में रासायनिक कला और सेल्फ क्या थी
कांच बनाना मिट्टी के बर्तन बनाना भूषण बनाना कपड़ों की रंगाई और चटनी का शोधन आदि प्रारंभिक काल में प्रमुख रासायनिक कला और शिल्प थे निम्न प्रमुख रासायनिक उत्पाद थे जिन्होंने सैनिक विज्ञान के विकास में योगदान दिया!
ये निम्न प्रकार के हैं और इन्हें निम्न प्रकार से बाटा गया है!
आधुनिक रसायन विज्ञान
modern chemistry
1300 से 1600 ई के दौरान रासायनिक विज्ञान मुख्य रूप से कीमिया और आइटोकेमिस्ट्री के रूप में विकसित हुई थी लेकिन 17वीं शताब्दी की शुरुआत में रासायनिक विज्ञान के लेखन में गिरावट देखी गई तांत्रिक काल के प्रारंभ से ही कीमिया फीकी पड़ने लगी अब आइटोकेमिस्ट्री का उत्थान था उसके बाद में रासायनिक विज्ञान में स्नानकोउत्तर शिक्षक शुरू किया गया इंडियन एसोसिएशन का कैविटी वेशन ऑफ साइंस की Indian Association for cultivation of science स्थापना 1876 में हुई केमिस्ट्री पी. सी. रे. और चुन्नीलाल बोस इसके सक्रिय रूप से जुड़े थे पीसी रे ने कोलकाता मे बंगाल केमिकल आफ फार्मास्यूटिकल बॉक्स लिमिटेड की स्थापना की!
भारतीय मूल के वैज्ञानिक (प्राचीन भारत और उनका योगदान)
1 -महर्षि कणाद 2-नागार्जुन 3-चरक 4- हरगोविंद खुराना 5- सत्येंद्र नाथ बोस 6-सुक्षत्रत

1- महर्षि कणाद
600 ईसा पूर्व में पैदा हुए आचार्य कणाद जिन्हें मूल रूप से कश्यप के नाम से जाना जाता था परमाणु सिद्धांत के पहले प्रस्तावक थे उन्होंने अतिसूक्ष्म विभाज्य अविभाज्य कण का सिद्धांत प्रतिपादित किया था जिसे उन्होंने परमाणु नाम दिया उन्होंने बताया कि परमाणु को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है है ना ही बिना उन्होंने जान डाल्टन से लगभग 2500 वर्ष पहले सिद्धांत की अवधारणा की थी

2- नागार्जुन
इनका जन्म गुजरात में सोमनाथ के प्रसिद्ध मंदिर के पास फोर्ट दहक में 1931 में हुआ था यह एक रसायन आजा रसायन रसायनज्ञ है क्योंकि उनका प्रयास आधे धातुओं को सोने में बदलने में केंद्रित रहता था! लोग का मानना था कि नागार्जुन देवी देवता के साथ थे

3– चरक
इनको प्राचीन भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिक का जनक माना जाता था यह कनिष्ठ के दरबार में राजा बैठते थे चरक संहिता में बीमारियों का इलाज करने की वजह बीमारी के कारण को दूर भगाने में जोड़ दिया गया है शिवांश की के मूल सिद्धांत को भी जानते थे

4– हरगोविंद खुराना
इनका जन्म पंजाब में हुआ था और उन्होंने लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय और लिवरपूल विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी अर्थात प्रोटीन और न्यूक्लिन अम्ल में उनकी रुचि पैदा हुई और उन्होंने DNA के अनुवांशिक कोड को क्रैक करने में मदद करने के लिए चिकित्सा और शरीर विकास विज्ञान में 1968 को नोबेल पुरस्कार साझा किया
5– सत्येंद्र नाथ बोस
वर्ष 1920 में भारतीय भौतिक वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस ने पदार्थ की पांचवी अवस्था के बारे में अध्ययन किया धन के आधार पर अल्बर्ट आइंस्टीन ने बोस आइंस्टीन कंडनसेट नामक पदार्थ की पांच व्यवस्था की भविष्यवाणी की!
6– सुश्रत
सुश्रत शालय चिकित्सा सर्जरी के क्षेत्र में अंग्रेज थे उन्होंने सर्जरी के उपचार का उत्तरदायित वी माना जाता है उन्होंने एक मृत शरीर की मदद से मानव शरीर की रचना का अध्ययन किया सुश्रत संहिता में 26 प्रकार के ज्वार आठ प्रकार की पुलिया और 20 प्रकार के मूत्र रोग सहित 1100 से अधिक रोगों का उल्लेख है

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