Bangladesh crisis 2024: GK for Exams, बांग्लादेश का इतिहास और धार्मिक जनसंख्या का विवरण

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Bangladesh crisis 2024: GK for Exams, बांग्लादेश का इतिहास और धार्मिक जनसंख्या का विवरण

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Bangladesh Crisis : History and Related Information

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बांग्लादेश चर्चा में क्यों और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति

बांग्लादेश चर्चा में क्यों?

बांग्लादेश अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विभिन्न कारणों से चर्चा में रहता है। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. राजनीतिक अस्थिरता: बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता, खासकर चुनावों के दौरान, अक्सर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहती है। चुनावों में हिंसा, विपक्षी दलों का विरोध, और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर सवाल उठते रहते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करते हैं।
  2. आर्थिक विकास: बांग्लादेश ने हाल के दशकों में उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति की है। वस्त्र उद्योग में इसकी सफलता, गरीबों के उत्थान के लिए माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य, और गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में इसने महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस आर्थिक विकास ने बांग्लादेश को एक उभरते हुए बाजार के रूप में चर्चा का विषय बना दिया है।
  3. रोहिंग्या शरणार्थी संकट: म्यांमार से आए लाखों रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को बांग्लादेश ने अपने देश में शरण दी है। यह मानवीय संकट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है, और बांग्लादेश इस संबंध में बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय सहायता और सहयोग की मांग करता रहा है।
  4. जलवायु परिवर्तन: बांग्लादेश उन देशों में से एक है जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। समुद्र स्तर में वृद्धि, बाढ़, और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएँ बांग्लादेश के लिए एक गंभीर खतरा हैं, और इसलिए यह देश जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक चर्चाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति:

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है, और उनकी जनसंख्या कुल जनसंख्या का लगभग 8-9% है। हालाँकि, उनकी संख्या समय के साथ घट रही है। इसके कई कारण हैं, जिनमें सामाजिक, आर्थिक, और धार्मिक कारक शामिल हैं।

  1. धार्मिक भेदभाव और हिंसा: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को समय-समय पर धार्मिक भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है। कुछ चरमपंथी समूह हिंदू मंदिरों, घरों, और संपत्तियों पर हमले करते हैं। इन घटनाओं से हिंदू समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ती है और वे दूसरे देशों में पलायन करने के लिए मजबूर होते हैं।
  2. संपत्ति के अधिकार: बांग्लादेश में हिंदुओं के संपत्ति अधिकारों पर अक्सर सवाल उठते हैं। कभी-कभी उनकी जमीनों और संपत्तियों पर अवैध कब्जे किए जाते हैं, और न्यायिक प्रक्रिया में उन्हें न्याय पाने में कठिनाई होती है।
  3. सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता: हालाँकि बांग्लादेश की सरकार संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देती है, लेकिन व्यवहार में हिंदू समुदाय को अपने धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों को मनाने में कई बार चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों के दौरान सुरक्षा की चिंता अक्सर रहती है।
  4. सकारात्मक पहल: सरकार और कुछ संगठनों ने हिंदू समुदाय की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई पहल की हैं। शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी उन्हें अधिक अवसर प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, इन पहल के बावजूद, हिंदू समुदाय को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

बांग्लादेश में हाल ही की घटनाएँ काफी चिंताजनक हैं। अगस्त 2024 में, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है, खासकर प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद। इस स्थिति के चलते देश में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गई है, जिसमें हिंदू अल्पसंख्यकों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। ढाका में इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र और बंगबंधु स्मारक संग्रहालय जैसे प्रमुख स्थानों पर हमला किया गया, जो बांग्लादेश और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक थे।

हिंसा के दौरान सैकड़ों हिंदू मंदिरों और घरों पर हमला किया गया, जिससे हिंदू समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए, भारत ने अपने नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा से बचने की सलाह दी है और सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की है, जो देश में शांति और स्थिरता बहाल करने की कोशिश करेगी। इसके साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की संभावित रिहाई से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और जटिल हो सकती है।

ये घटनाएँ बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों पर भी असर डाल सकती हैं, खासकर जब हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का सवाल उठता है|

बांग्लादेश (Bangladesh) का इतिहास

बांग्लादेश का इतिहास सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक घटनाओं से भरपूर है। यह देश भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित है, और इसका इतिहास लगभग 4,000 साल पुराना है। प्राचीन काल में यह क्षेत्र बंगाल का हिस्सा था, जहां मौर्य, गुप्त, पाल, और सेन वंशों का शासन रहा।

मध्यकाल में, बंगाल पर मुस्लिम शासकों का अधिकार हुआ, जिनमें दिल्ली सल्तनत और बाद में मुगल साम्राज्य प्रमुख थे। 18वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल पर अधिकार किया, और इसे ब्रिटिश भारत का हिस्सा बना दिया।

1947 में भारत का विभाजन हुआ और बंगाल का पूर्वी भाग पाकिस्तान के हिस्से में चला गया, जिसे पूर्वी पाकिस्तान कहा गया। लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) के साथ लगातार सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक भेदभाव के कारण पूर्वी पाकिस्तान में असंतोष बढ़ता गया। 1971 में, बंगालियों ने एक स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, और 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया।

बांग्लादेश की धार्मिक जनसंख्या: Religious Population of Bangladesh

बांग्लादेश की जनसंख्या लगभग 170 मिलियन (17 करोड़) है, और यह दुनिया का आठवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। यहाँ की जनसंख्या का धार्मिक वितरण इस प्रकार है:

  1. इस्लाम: बांग्लादेश में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है, और 90% से अधिक जनसंख्या मुस्लिम है। इस्लाम यहाँ की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  2. हिन्दू धर्म: हिन्दू धर्म बांग्लादेश में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, और यहाँ की लगभग 8-9% जनसंख्या हिन्दू है। हिन्दू धर्म बांग्लादेश के सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और कई प्रमुख त्यौहार जैसे दुर्गा पूजा यहाँ मनाए जाते हैं।
  3. बौद्ध धर्म: बौद्ध धर्म का बांग्लादेश में एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण उपस्थिति है। चटगाँव हिल ट्रैक्ट्स क्षेत्र में कई बौद्ध समुदाय निवास करते हैं, और यहाँ की लगभग 0.6% जनसंख्या बौद्ध धर्म को मानती है।
  4. ईसाई धर्म: बांग्लादेश में ईसाई समुदाय भी मौजूद है, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है, जो लगभग 0.4% है। ये समुदाय ज्यादातर शहरों और कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

बांग्लादेश धार्मिक रूप से विविधता का एक अनोखा उदाहरण है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग सह-अस्तित्व में रहते हैं। हालांकि, समय-समय पर धार्मिक तनाव भी देखने को मिलते हैं, लेकिन देश की सरकार और समाज धार्मिक सद्भावना को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं।

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Bangladesh crisis: MCQs (Multiple Choice Questions)

बांग्लादेश और भारत से जुड़े महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव टाइप MCQs (Multiple Choice Questions) हिंदी में उनके उत्तरों के साथ नीचे दिए गए हैं:

1. बांग्लादेश का स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?

  • (A) 15 अगस्त
  • (B) 26 मार्च
  • (C) 16 दिसंबर
  • (D) 21 फरवरी
    उत्तर: (B) 26 मार्च

2. बांग्लादेश की मुद्रा क्या है?

  • (A) टका
  • (B) रुपया
  • (C) डॉलर
  • (D) रियल
    उत्तर: (A) टका

3. भारत और बांग्लादेश के बीच कौन-सी नदी सबसे विवादित है?

  • (A) गंगा
  • (B) ब्रह्मपुत्र
  • (C) तीस्ता
  • (D) पद्मा
    उत्तर: (C) तीस्ता

4. बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे?

  • (A) शेख हसीना
  • (B) शेख मुजीबुर रहमान
  • (C) ज़िया-उर-रहमान
  • (D) इयाजुद्दीन अहमद
    उत्तर: (B) शेख मुजीबुर रहमान

5. भारत और बांग्लादेश के बीच कौन-सी नदी जल संधि 1996 में हुई थी?

  • (A) गंगा जल संधि
  • (B) तीस्ता जल संधि
  • (C) ब्रह्मपुत्र जल संधि
  • (D) पद्मा जल संधि
    उत्तर: (A) गंगा जल संधि

6. बांग्लादेश की स्थापना किस वर्ष में हुई थी?

  • (A) 1947
  • (B) 1952
  • (C) 1971
  • (D) 1983
    उत्तर: (C) 1971

7. बांग्लादेश की वर्तमान प्रधानमंत्री (2024) कौन हैं?

  • (A) शेख हसीना
  • (B) बेगम खालिदा जिया
  • (C) हुसैन मुहम्मद इरशाद
  • (D) शेख मुजीबुर रहमान
    उत्तर: (A) शेख हसीना

8. बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत ने किस वर्ष शरणार्थियों को शरण दी?

  • (A) 1975
  • (B) 1965
  • (C) 1971
  • (D) 1950
    उत्तर: (C) 1971

9. कौन-सा भारतीय राज्य बांग्लादेश के साथ सबसे लंबी सीमा साझा करता है?

  • (A) पश्चिम बंगाल
  • (B) असम
  • (C) त्रिपुरा
  • (D) मेघालय
    उत्तर: (A) पश्चिम बंगाल

10. बांग्लादेश का कौन-सा शहर भारत के सबसे निकट है?

  • (A) ढाका
  • (B) खुलना
  • (C) सिलहट
  • (D) चटगाँव
    उत्तर: (C) सिलहट

11. भारत और बांग्लादेश के बीच कितनी सीमा चौकियां (Border Checkposts) हैं?

  • (A) 20
  • (B) 32
  • (C) 54
  • (D) 64
    उत्तर: (C) 54

12. 2015 में, भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता (Land Boundary Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत कितने एन्क्लेव का आदान-प्रदान किया गया था?

  • (A) 100
  • (B) 150
  • (C) 162
  • (D) 200
    उत्तर: (C) 162

13. बांग्लादेश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा कौन-सी है?

  • (A) उर्दू
  • (B) हिंदी
  • (C) बांग्ला
  • (D) अंग्रेजी
    उत्तर: (C) बांग्ला

14. कौन-सा भारतीय नेता बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी?

  • (A) महात्मा गांधी
  • (B) जवाहरलाल नेहरू
  • (C) इंदिरा गांधी
  • (D) सुभाष चंद्र बोस
    उत्तर: (C) इंदिरा गांधी

15. बांग्लादेश और भारत के बीच पहली कूटनीतिक वार्ता कब शुरू हुई थी?

  • (A) 1947
  • (B) 1950
  • (C) 1971
  • (D) 1972
    उत्तर: (D) 1972

ये प्रश्न बांग्लादेश और भारत के इतिहास, भूगोल, और संबंधों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। उम्मीद है कि ये MCQs आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक सिद्ध होंगे।

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Reason of Bangladesh crisis:

बांग्लादेश में मौजूदा संकट के कई प्रमुख कारण हैं, जो राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं से जुड़े हैं:

राजनीतिक अस्थिरता: प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है। उनके इस्तीफे के बाद देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जो तेजी से हिंसक हो गए। इस राजनीतिक अस्थिरता ने देश में कानून और व्यवस्था को कमजोर कर दिया है, जिससे स्थिति और अधिक बिगड़ गई।

धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव: बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है, खासकर हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में। हाल ही में ढाका में इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र और अन्य हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमले हुए हैं, जिससे सांप्रदायिक तनाव और बढ़ गया है। इस तरह की घटनाएँ देश की सामाजिक एकता और स्थिरता को खतरे में डाल रही हैं।

आर्थिक चुनौतियाँ: बांग्लादेश को हाल ही में आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, और आर्थिक विकास की गति में कमी शामिल है। ये आर्थिक समस्याएँ भी राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा दे रही हैं और जनता के बीच असंतोष पैदा कर रही हैं।

शरणार्थी संकट: म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा भी बांग्लादेश के लिए एक गंभीर समस्या बना हुआ है। इन शरणार्थियों की बड़ी संख्या ने देश की संसाधनों पर दबाव डाला है और इससे सामाजिक तनाव भी बढ़ा है।

अंतर्राष्ट्रीय दबाव: बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी नजर रख रहा है। भारत के साथ उसके संबंध भी इस संकट के दौरान प्रभावित हो सकते हैं, खासकर जब हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का सवाल उठता है।

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