How to create ledger in tally prime: टैली प्राइम में सीखें ledger और group बनाना, 28 important group

how to create ledger in tally prime,

How to create ledger in tally prime: Learn step-by-step in Hindi, What are main types of ledger group and how to effortlessly create a ledger in Tally Prime with our comprehensive guide. Master the fundamentals and optimize your accounting processes efficiently.

To work in Tally Prime, first of all you have to create a company, after that you have to create a ledger group, ledger, after that the voucher entry is done, so friends, in today’s post we will know about different types of groups and ledgers in Tally Prime.

Tally Prime में काम करने के लिए सबसे पहले company बनाना है उसके बाद आपको ledger ग्रुप, ledger बनाना है उसके बाद voucher एंट्री की जाती है तो साथियों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे Tally Prime में विभिन्न प्रकार के ग्रुप और ledger के बारे में |

लेखा समूह (Ledger Group): लेखा समूह लेखांकन में एक वर्गीकृत संगठन है जो विभिन्न प्रकार के लेजरों को समूह बनाता है। यह लेखांकन की व्यवस्था में सहायक होता है और संबंधित लेजरों को एक ही स्थान पर संग्रहित करता है। उदाहरण के रूप में, संपत्ति, ऋण, आय, और व्यय आदि लेखा समूहों के उदाहरण हैं।

Tally Prime में Ledger से पूर्व हमें ग्रुप के बारे में जान लेना चाहिए | Ledger group ledger को वर्गीकृत करते हैं जैसे GST Purchase ledger ५%, १२% आदि के लिए सिर्फ एक ग्रुप Purchase Account ग्रुप होता है |
Tally Prime में कुल 28 ग्रुप होते हैं जो पहले से बने हुए होते हैं अर्थात Predfined होते हैं |
टैली प्राइम में group को दो भागों में बांटा गया है –

  1. Primary Group -15
  2. Secondary Group – 13
how to create ledger in tally prime,
Types of Ledger

Before starting Ledger, we should know about the group. Ledger groups classify ledgers like for GST Purchase ledger 5%, 12% etc there is only one group Purchase Account group.
There are a total of 28 groups in Tally Prime which are already created i.e. predefined.
In Tally Prime the group is divided into two parts –

  1. Primary Group -15
  2. Secondary Group – 13
Ledger GroupGroup Type
1. Capital GroupPrimary Group
(i) Reserve & SurplusSecondary Group
2. Loan (Liabilities)Primary Group
(i) Secured LoanSecondary Group
(ii) Unsecured LoanSecondary Group
(iii) Bank ODSecondary Group
3. Current Assets Primary Group
(i) Cash in HandSecondary Group
(ii) Stock in HandSecondary Group
(iii) Sundry DebtorsSecondary Group
(iv) Bank A/cSecondary Group
(v) Loan & AdvanceSecondary Group
(vi) DepositsSecondary Group
4. Current LiabilitiesPrimary Group
(i) Sundry CreditorsSecondary Group
(ii) Duties & TaxesSecondary Group
(iii) ProvisionsSecondary Group
5. Fixed AssetsPrimary Group
6. Purchase A/cPrimary Group
7. Sales A/cPrimary Group
8. Indirect ExpensesPrimary Group
9. Direct ExpensesPrimary Group
10. Indirect IncomePrimary Group
11. Direct IncomePrimary Group
12. Misc. Exp. (Assets)Primary Group
13. Branch/ DivisionPrimary Group
14. Suspense A/cPrimary Group
15. Investment A/cPrimary Group
Types of Ledger Group/Ledger
Introduction to Tally Prime and Ledger

1. Capital A/C:

यह एक प्राथमिक ग्रुप है | इसके अंतर्गत वे सभी खाते आते हैं जो फर्म /कंपनी /दुकान/संस्था के मालिक या सहयोगी के नाम से बनाये गए हैं या जिन्होंने व्यापार में पूंजी लगायी है |
जैसे Lavanaya Fashion Store ने 500000 से व्यापार प्रारम्भ किया तो LFS के नाम से ledger Capital Group में रखा जायेगा|

2. रिजर्व एंड सर्प्लस (Reserve & Surplus):

यह एक secondary ग्रुप है | यह कैपिटल ग्रुप के अंतर्गत आता है | रिजर्व एंड सर्प्लस (Reserve & Surplus) समूह कंपनी के लेखा में एक महत्वपूर्ण खाता है जो कंपनी के लाभ और उपार्जन को संग्रहित करता है।

उदाहरण:

  1. जनरल रिजर्व (General Reserve): यह रिजर्व कंपनी द्वारा पूंजीकरण किए गए लाभों का एक भाग होता है जो निवेश के लिए संचित किया जाता है। जनरल रिजर्व का उपयोग अप्रत्यक्ष आय या उधारों के लिए किया जा सकता है।
  2. उत्तराधिकारिक सर्प्लस (Surplus in Profit & Loss Account): यह सर्प्लस कंपनी के लाभ और हानि खाते में अधिक पैसे का संग्रहण होता है। यह धन कंपनी की गतिविधियों के विकास और वृद्धि के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

3. ऋण (देयता) समूह (Loan (Liabilities):

ऋण (देयता) समूह (Loan (Liabilities)) वह समूह है जिसमें उन सभी खातों को शामिल किया जाता है जो किसी कंपनी या व्यापारिक संस्था के द्वारा लिया गया धन या ऋण को प्रतिनिधित्व करते हैं। यह धन कंपनी या संस्था के पास आया जाता है, और इसे वापस किया जाना चाहिए।

उदाहरण:

  1. सुरक्षित ऋण (Secured Loan): यह एक प्रकार का ऋण है जो किसी प्राधिकृत संपत्ति के खिलाफ लिया गया होता है, जैसे कि संपत्तियों या उत्पादों पर रखी गई जमानत के रूप में। यह लोन प्राप्तकर्ता की और उपार्जित धन की सुरक्षा करता है, जिसका अर्थ है कि यदि उपार्जित धन चुका नहीं सकता है, तो उस प्राधिकृत संपत्ति को बेचकर ऋण की राशि को भुगतान किया जा सकता है। उदाहरण: एक कंपनी ने एक निवेशक से धन उधार लिया है और उसने अपनी संपत्तियों को जमानत के रूप में प्रदान किया है।
  2. असुरक्षित ऋण (Unsecured Loan): यह ऋण होता है जो किसी प्राधिकृत संपत्ति के खिलाफ लिया जाता है और जिसमें कोई जमानत नहीं होती है। इसका अर्थ है कि यदि उपार्जित धन चुका नहीं सकता है, तो कंपनी के प्राधिकृत संपत्तियों को बेचकर उस ऋण की राशि को भुगतान किया जाना नहीं होता है। उदाहरण: एक कंपनी ने बैंक से एक ऋण लिया है जिसमें कोई जमानत नहीं है।
  3. बैंक OD (Bank OD): बैंक के ओवरड्राफ्ट (OD) एक प्रकार का ऋण है जो बैंक खाता होल्डर को उसके बैंक खाते के अधिक निधि के लिए आवंटित किया जाता है। इसका उपयोग व्यापारिक संगठनों द्वारा विभिन्न व्यवसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है। उदाहरण: एक व्यवसाय ने बैंक से अपने व्यापारिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए OD लिमिट की आवश्यकता महसूस की।

इन्हे भी पढ़े: Financial Accounting : Exploring Definition and Key Aspects of Accounting, 3 Golden Rules of Accounting

इन्हे भी पढ़े: Understanding 3 Golden Rules of Accounting: A Comprehensive Guide

4. Current Assets Group (चालू संपत्तियाँ समूह ):

यह एक Primary group है| इसके अंतर्गत कंपनी के सभी चल व अचल संपत्ति वाले A/c आते हैं | इसे 6 अन्य sub group हैं –

(i) Cash in Hand:

यह एक Secondary group है | इसके अंतर्गत व्यापार में लेनदेन के बाद जो शेष नगद रुपया बचता है उसका विवरण लिखा जाता है | जैसे – LFS के पास 40000 रूपये नगद शेष हैं तो
To cash 40000 Dr
By Capital A/c 40000 Cr

(ii) Stock in Hand:

यह एक Secondary group है | इसके अंतर्गत व्यापार में लेनदेन के बाद जो माल दुकान या कंपनी में बचता है उसका विवरण लिखा जाता है |

(iii) Sundry Debtors:

यह एक Secondary group है | जब व्यापार में किसी पार्टी, ग्राहक अथवा व्यक्ति को उधार माल बेचते हैं, तब वह व्यक्ति हमारे व्यापार में देनदार (Debtor) कहलाता है|

Suppose you sell goods worth 10,000 rupees to Mr. A on credit.

  1. Go to Gateway of Tally > Accounting Vouchers > Select Sales Voucher (F8).
  2. Select the date of the transaction.
  3. Select the appropriate sales ledger.
  4. Enter the amount as 10,000.
  5. Select the Sundry Debtors ledger from the list of ledgers.
  6. Enter any other necessary details.
  7. Save the entry.

(iv) बैंक खाता (Bank A/c):

“बैंक खाता” टैली प्राइम में एक खाता है जिसमें आप अपनी बैंक लेन-देन को ट्रैक कर सकते हैं। यह खाता आपके बैंक से संबंधित सभी लेन-देन को शामिल करता है, जैसे कि जमा, निकासी, और अन्य बैंक संबंधित लेन-देन।

यहां एक उदाहरण है जो बैंक खाता का उपयोग करते हुए एंट्री का है:

समझें कि आपने अपनी कंपनी के नाम पर 50,000 रुपये जमा किए।

  1. गेटवे ऑफ़ टैली पर जाएं > लेखा भुगतान वाउचर (F5) चुनें।
  2. लेन-देन की तारीख चुनें।
  3. “जमा” लेजर का चयन करें।
  4. रकम के रूप में 50,000 दर्ज करें।
  5. “बैंक खाता” लेजर का चयन करें।
  6. आवश्यक विवरण दर्ज करें।
  7. एंट्री को सेव करें।

यह एंट्री आपके बैंक खाते में 50,000 रुपये का जमा करती है।

(v) ऋण और अग्रिम (Loan & Advance):

यह एक Secondary group है | इसके अंतर्गत व्यापार में हमारे द्वारा अपने किसी सहयोगी फर्म, पार्टी, अथवा अपने कर्मचारी को एडवांस में Loan दिया जाता है, तब उस सहयोगी फर्म, पार्टी, अथवा अपने कर्मचारी के नाम के अकाउंट को रखा जाता है |
जैसे LFS ने राहुल को 100000 का लोन दिया तो राहुल को लोन ग्रुप में रखा जायेगा |

(vi) जमा (Deposits): उदाहरण:

यह एक सेकेंडरी ग्रुप है, जो Current assets group के अंतर्गत आता है| जब अपने वव्यापार में लाभ के उद्देश्य से अपने व्यापार का पैसा कहीं अन्य जगह (chitfund, FD , Personal और Oragnizational depositer) पर जमा कर दिया जाये तो उस ledger का ग्रुप Deposits के अंतर्गत रखा जायेगा |

5. Current Liabilities Group (चालू देयताएँ समूह):

यह एक प्राइमरी ग्रुप है| Company के सभी current एवं विशिष्ट liabilities को इस ग्रुप के अंतर्गत रखा जायेगा | इसके तीन secondary ग्रुप होते हैं |

(i)Sundry Creditors:

इस ग्रुप के अंतर्गत उन व्यक्तियों/companies/firm को रखा जाता है जिससे हमारे द्वारा व्यापार में उधार माल/ सामान ख़रीदा जाता है |

तैली प्राइम में ‘संड्री क्रेडिटर्स’ का लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

  1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
  2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘संड्री क्रेडिटर्स’ लेजर बनाना चाहते हैं।
  3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “संड्री क्रेडिटर्स” दर्ज करें।
  4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
  5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

एक उदाहरण एंट्री के रूप में, अग्रवाल वस्त्रालय से माल क्रेडिट पर खरीदने की प्रक्रिया को विवरणित किया जा सकता है:

अग्रवाल वस्त्रालय से माल खरीदा
संड्री क्रेडिटर्स      खरीद में     5000       (जिसमें क्रेडिट में 5000 रुपये)
अग्रवाल वस्त्रालय            5000

इस एंट्री में, “संड्री क्रेडिटर्स” लेजर में खरीद में 5000 रुपये का एंट्री किया गया है, जबकि “अग्रवाल वस्त्रालय” लेजर में 5000 रुपये का एंट्री किया गया है।


(ii) Duties & Taxes ( कर और शुल्क):

इस ग्रुप के अंतर्गत उन Accounts को रखा जाता है जिससे हमारे द्वारा व्यापार में गवर्नमेंट को कर (Tax) दिया जाता है |

तैली प्राइम में ‘कर और शुल्क’ के लेजर को बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

  1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
  2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘कर और शुल्क’ लेजर बनाना चाहते हैं।
  3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “कर और शुल्क” दर्ज करें।
  4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
  5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

यहाँ एक उदाहरण है कि आप कैसे ‘कर और शुल्क’ लेजर को उपयोग करके किसी टैक्स की भुगतान कर सकते हैं:

कर और शुल्क       कर भुगतान      1500        (किसी निर्दिष्ट कर की भुगतान)
कैश/बैंक खाता         1500

इस उदाहरण में, “कर और शुल्क” लेजर में 1500 रुपये का टैक्स की भुगतान का एंट्री किया गया है, जबकि “कैश/बैंक खाता” लेजर में 1500 रुपये का एंट्री किया गया है।


(iii) Provisions (प्रावधान):

प्रावधान (Provisions) एक लेजर होता है जिसमें किसी विशेष खर्च या लाभ के लिए निर्धारित राशि को अनुमानित रूप से जमा किया जाता है। यह खर्च या लाभ वास्तविक तौर पर होता है, लेकिन इसकी राशि और समय की स्थिति की अनिश्चितता होती है। इसका उदाहरण है किसी न्यूनतम निधि का निर्धारण करना, बुरी उधार की राशि के लिए प्रावधान बनाना या विपणन के नुकसान के लिए प्रावधान बनाना।

तैली प्राइम में प्रावधान लेजर बनाने के लिए:

  1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
  2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘प्रावधान’ लेजर बनाना चाहते हैं।
  3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “प्रावधान” दर्ज करें।
  4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
  5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

यहाँ एक उदाहरण है कि आप कैसे ‘प्रावधान’ लेजर को उपयोग करके किसी खर्च के लिए प्रावधान बना सकते हैं:

प्रावधान            बुरी उधार       5000        (बुरी उधार की राशि के लिए प्रावधान)

इस उदाहरण में, “प्रावधान” लेजर में 5000 रुपये का बुरी उधार के लिए प्रावधान का एंट्री किया गया है।

Fixed Assets Group

    ‘स्थिर संपत्ति समूह’ (Fixed Assets Group) एक लेजर समूह होता है जिसमें संग्रहीत धनराशि के रूप में उपयुक्त निर्माण के लिए संपत्ति, मशीनरी, साधन आदि जैसी स्थिर संपत्तियाँ शामिल होती हैं। इस समूह में आपकी कंपनी की उस संपत्ति का लेजर शामिल होता है जो लंबे समय तक उपयोगी होती है और उसकी मूल्यांकन ध्यान में रखते हुए निर्मित की जाती है। इस समूह में सामान्यत: भूमि, इमारतें, मशीनरी, वाहन, उपकरण, कम्प्यूटर उपकरण आदि शामिल हो सकती हैं।

    तैली प्राइम में ‘स्थिर संपत्ति समूह’ बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

    1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
    2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘स्थिर संपत्ति समूह’ बनाना चाहते हैं।
    3. लेजर समूह क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर समूह” पर क्लिक करें और नया समूह बनाएं। समूह के नाम में “स्थिर संपत्ति समूह” दर्ज करें।
    4. समूह अधिकारी चयन करें: समूह के निर्माण के बाद, आपको उस समूह को प्रबंधित करने के लिए एक समूह अधिकारी चुनना होगा।
    5. सेव करें: समूह को बनाने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और समूह को सेव करें।

    इसके बाद, आप इस समूह में विभिन्न स्थिर संपत्तियों के लेजर बना सकते हैं और उन्हें समूह में जोड़ सकते हैं।

    Purchase A/c

      ‘खरीद खाता’ (Purchase Account) एक लेजर होता है जिसमें उन सभी खरीदारियों की खरीद की जाने वाली राशि का लेन-देन दर्ज होता है जिनसे कंपनी माल या सेवाएं खरीदती है। इस लेजर में खरीद की गई सभी वस्तुओं या सेवाओं की जानकारी शामिल होती है।

      तैली प्राइम में ‘खरीद खाता’ बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

      1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
      2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘खरीद खाता’ लेजर बनाना चाहते हैं।
      3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “खरीद खाता” दर्ज करें।
      4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
      5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

      इसके बाद, आप खरीद के सभी लेन-देन को ‘खरीद खाता’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं। उदाहरण के लिए:

      खरीद खाता         अग्रवाल वस्त्रालय    5000       (अग्रवाल वस्त्रालय से माल खरीदा)

      इस उदाहरण में, “खरीद खाता” लेजर में 5000 रुपये का खरीद का लेन-देन का एंट्री किया गया है।

      Sales A/c

        ‘बिक्री खाता’ (Sales Account) एक लेजर होता है जिसमें उन सभी बिक्रियों की राशि का लेन-देन दर्ज होता है जिनकी बिक्री कंपनी अपने ग्राहकों को करती है। इस लेजर में बिक्री के लिए प्राप्त धनराशि का लेन-देन और इसके संबंधित रिटर्न और छूटों का भी लेन-देन शामिल होता है।

        तैली प्राइम में ‘बिक्री खाता’ लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

        1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
        2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘बिक्री खाता’ लेजर बनाना चाहते हैं।
        3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “बिक्री खाता” दर्ज करें।
        4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
        5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

        इसके बाद, आप बिक्री के सभी लेन-देन को ‘बिक्री खाता’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं। उदाहरण के लिए:

        बिक्री खाता         राज कपड़ा भंडार       10000       (राज कपड़ा भंडार को माल बेचा)

        इस उदाहरण में, “बिक्री खाता” लेजर में 10000 रुपये की बिक्री का लेन-देन का एंट्री किया गया है।

        Indirect Expenses

          ‘परोक्ष व्यय’ (Indirect Expenses) उन व्ययों को कहा जाता है जो किसी कंपनी या व्यवसाय के सामान्य कार्यकलापों को संचालित करने में मदद करते हैं, लेकिन वे सीधे रूप से उत्पादों या सेवाओं की उत्पत्ति में नहीं शामिल होते हैं। इन व्ययों को कार्यालय किराया, कार्यालय सामग्री, विज्ञान और विकास लागत, सामान्य प्रशासनिक लागत, बीमा लागत, विज्ञापन लागत, बैंक शुल्क, कम्प्यूटर सेवाएं आदि शामिल हो सकते हैं।

          तैली प्राइम में ‘परोक्ष व्यय’ का लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

          1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
          2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘परोक्ष व्यय’ लेजर बनाना चाहते हैं।
          3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “परोक्ष व्यय” दर्ज करें।
          4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
          5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

          इसके बाद, आप परोक्ष व्ययों के संबंधित लेन-देन को ‘परोक्ष व्यय’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं। यह लेजर कंपनी के लेन-देन सारांश में उपयोगी होता है और वित्त

          ीय प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।

          Direct Expenses

            ‘Direct Expenses’ (प्रत्यक्ष व्यय) वे व्यय होते हैं जो सीधे उत्पादन या सेवा के निर्माण या प्रदान करने में लगते हैं। इन व्ययों को उत्पादन के उपकरण, कामगारों की वेतन, उपकरण की रिपेयर और मेंटेनेंस, उत्पाद के पैकेजिंग, उत्पाद के ट्रांसपोर्टेशन आदि शामिल हो सकते हैं।

            तैली प्राइम में ‘प्रत्यक्ष व्यय’ का लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

            1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
            2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘प्रत्यक्ष व्यय’ लेजर बनाना चाहते हैं।
            3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “प्रत्यक्ष व्यय” दर्ज करें।
            4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
            5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

            इसके बाद, आप प्रत्यक्ष व्ययों के संबंधित लेन-देन को ‘प्रत्यक्ष व्यय’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं। यह लेजर कंपनी के लेन-देन सारांश में उपयोगी होता है और उत्पादन की सीधी लागत का निर्धारण करने में मदद करता है।

            Indirect Income

              ‘परोक्ष आय’ (Indirect Income) वह आय है जो किसी कंपनी या व्यवसाय के सामान्य कार्यकलापों के तत्काल परिणाम के रूप में नहीं होती है, लेकिन वे उसके कार्यों या संपत्ति के परिणामों के रूप में उत्पन्न होती हैं। इसमें ब्याज, भाड़ा, दरों का वार्षिक संशोधन, उपस्थिति भत्ता, विभिन्न अनुदान, लोगों से प्राप्त किए गए दान, आदि शामिल हो सकता है।

              तैली प्राइम में ‘परोक्ष आय’ का लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

              1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
              2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘परोक्ष आय’ लेजर बनाना चाहते हैं।
              3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “परोक्ष आय” दर्ज करें।
              4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
              5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

              इसके बाद, आप परोक्ष आय को ‘परोक्ष आय’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं। यह लेजर कंपनी के लेन-देन सारांश में उपयोगी होता है और आय की विवरण को समेटता है।

              Direct Income

                Direct Income’ (प्रत्यक्ष आय) वह आय होती है जो किसी कंपनी या व्यवसाय के मुख्य उत्पादन या सेवा के निर्माण या प्रदान से सीधे उत्पन्न होती है। इसमें उत्पाद बिक्री से प्राप्त राशि, सेवा प्रदान के लिए प्राप्त वेतन, प्राधिकरणों द्वारा प्रदान की गई अनुदान, उत्पादों के उत्पादन से प्राप्त आय, आदि शामिल हो सकता है।

                Misc. Exp. (Assets

                  ‘Miscellaneous Expenses’ या ‘विविध व्यय’ एक लेजर होता है जिसमें संविदा रूप से किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा भुगतान किए गए विभिन्न छोटे व्ययों को संदर्भित किया जाता है जिनमें कोई निर्दिष्ट श्रेणी में नहीं आते हैं। ये छोटे-मोटे खर्च जो सामान्यतः बैंक शुल्क, पोस्टेज, कुछ सामान्य संग्रह खर्च, नगदी लागत, आदि के रूप में हो सकते हैं।

                  आप तैली प्राइम में ‘Miscellaneous Expenses’ लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं:

                  1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
                  2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘विविध व्यय’ लेजर बनाना चाहते हैं।
                  3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “विविध व्यय” दर्ज करें।
                  4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
                  5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

                  इसके बाद, आप विविध खर्चों को ‘विविध व्यय’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं। यह लेजर कंपनी के लेन-देन सारांश में उपयोगी होता है और छोटे-मोटे खर्चों को संग्रहित करने में मदद करता है।

                  Branch/ Division

                    ‘शाखा/विभाग’ (Branch/Division) लेजर एक उप-लेजर होता है जो किसी कंपनी या व्यवसाय की विभाजन या शाखा के लिए बनाया जाता है। यह शाखा के लेन-देन को संग्रहित करता है और शाखा के लिए वित्तीय रिपोर्टिंग उपलब्ध कराता है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री, खरीद, व्यय, आदि के लेन-देन शामिल हो सकते हैं।

                    तैली प्राइम में ‘शाखा/विभाग’ लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

                    1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
                    2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘शाखा/विभाग’ लेजर बनाना चाहते हैं।
                    3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “शाखा/विभाग” दर्ज करें।
                    4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
                    5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

                    इसके बाद, आप शाखा या विभाग के लेन-देन को ‘शाखा/विभाग’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं और शाखा की वित्तीय स्थिति को प्रबंधित कर सकते हैं।

                    Suspense A/c

                      Suspense Account’ (सस्पेंस खाता) एक खाता होता है जिसका उपयोग उन लेन-देन की अनियमितताओं या अस्पष्टताओं को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जिन्हें अभी तक स्पष्टीकृत नहीं किया गया है। यह खाता अस्थिर लेन-देन या उलझन को संदर्भित करने के लिए उपयोग किया जाता है, जब लेन-देन का स्थिति अस्थिर हो या जब कोई व्यवहारिक त्रुटि हो।

                      Investment A/c (निवेश खाता)

                        ‘Investment Account’ (निवेश खाता) वह लेजर होता है जो किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा किए गए निवेशों को संदर्भित करता है। यह खाता निवेश की विवरण को संग्रहित करता है और निवेश से प्राप्त आय या हानि को प्रकट करता है। निवेश हो सकते हैं उधार दिए गए धन, स्टॉक, आभासी उत्पाद, निवेश वित्तीय उपकरण जैसे की बॉन्ड या शेयर, इत्यादि में।

                        तैली प्राइम में ‘निवेश खाता’ बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

                        1. तैली प्राइम खोलें: अपने कंप्यूटर पर तैली प्राइम सॉफ़्टवेयर खोलें।
                        2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप ‘निवेश खाता’ लेजर बनाना चाहते हैं।
                        3. लेजर क्रिएट करें: मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें और नया लेजर बनाएं। लेजर के नाम में “निवेश खाता” दर्ज करें।
                        4. विवरण दर्ज करें: सभी आवश्यक विवरण जैसे लेजर का नाम, खाता नंबर, टैक्स विवरण, आदि भरें।
                        5. सेव करें: सभी विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

                        इसके बाद, आप निवेश संबंधित लेन-देन को ‘निवेश खाता’ लेजर में दर्ज कर सकते हैं और निवेश की वित्तीय स्थिति को प्रबंधित कर सकते हैं।

                        Yorhelp Education Youtube
                        Yorhelp Education Youtube Channel

                        लेजर (Ledger): लेजर लेखांकन में एक खाते के संबंधित सभी लेन-देनों का रिकॉर्ड होता है। यह लेखांकन की मुख्य नकल होती है जिसमें प्रत्येक लेन-देन की तारीख, विवरण, और राशि शामिल होती है। लेजर से संबंधित सभी लेन-देनों का संग्रह एक स्थान पर होता है जो खाते की स्थिति को समयानुसार प्रस्तुत करता है।

                        टैली प्राइम में लेजरों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है जैसे कि नकद, बैंक, बिक्री, खरीद, और अधिक।

                        Creating a ledger in Tally Prime is a straightforward process. Here’s a step-by-step guide:

                        1. Open Tally Prime: Launch Tally Prime software on your computer.
                        2. Login: Log in to your company or create a new company if you haven’t already done so.
                        3. Access Ledger Creation: Once you’re in the company, go to the main menu or press “G” to open the ‘Go To’ menu. Then select ‘Accounts Info’ by typing its respective number or by navigating through the menu.
                        4. Choose Ledger: Under ‘Accounts Info’, select ‘Ledgers’ to create a new ledger account.
                        5. Create Ledger: Now, you’ll see the list of ledger accounts. To create a new ledger, press “Alt + C” or click on “Create” (if available).
                        6. Enter Ledger Details: Fill in the required information for the ledger account:
                        Expenses and income ledger creation in Tally prime
                        Ledger Creation
                        • Name: Enter the name of the ledger account (e.g., Sales, Rent, Salaries, etc.).
                        • Under: Choose the appropriate group under which this ledger falls. For example, if it’s a sales ledger, it might come under the Sales Account group.
                        • Address, Tax Information, etc.: Optionally, you can enter additional details like address, tax information, etc. This is useful for comprehensive record-keeping.
                        1. Save: After entering all the necessary details, press “Ctrl + A” to save the ledger account.
                        2. Verify: Once saved, verify that the ledger appears correctly in the ledger list.
                        3. Repeat: If you have more ledger accounts to create, repeat the process for each one.
                        4. Exit: After creating all the necessary ledger accounts, you can exit the ledger creation screen.

                        That’s it! You’ve successfully created a ledger account in Tally Prime. You can now use this ledger for various accounting transactions within your company.

                        How to create company and Ledger in Tally Prime

                        Tally Prime में लेजर बनाने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

                        1. Tally Prime खोलें: सबसे पहले अपने कंप्यूटर पर Tally Prime सॉफ़्टवेयर खोलें।
                        2. कंपनी चुनें: मुख्य स्क्रीन पर, उस कंपनी को चुनें जिसमें आप नई लेजर बनाना चाहते हैं।
                        3. लेजर क्रिएट करें: Master में क्लिक करें या Create बटन पर क्लिक करें, Ledger सेलेक्ट करें | Tally ERP 9 – मेनू से “मास्टर” का चयन करें, फिर “लेजर” का चयन करें। एक नया लेजर बनाने के लिए “लेजर क्रिएट” पर क्लिक करें।
                        4. लेजर विवरण भरें: नये लेजर के लिए विवरण भरें, जैसे कि नाम, श्रेणी, उप-श्रेणी, और अन्य आवश्यक जानकारी।
                        5. शेष विवरण भरें: जैसे कि लेजर के खाता नम्बर, टैक्स विवरण, आदि।
                        6. अंतिम रूप दें: सभी आवश्यक विवरण भरने के बाद, “सेव और एक्सिट” पर क्लिक करें और लेजर को सेव करें।

                        Golden Rules of Accounting:

                        Golden rules of Accounting

                        इस प्रकार, आप तैली प्राइम में नया लेजर बना सकते हैं। यदि आपको अधिक मदद की आवश्यकता है, तो आप तैली के ऑफिशियल वेबसाइट से विस्तृत निर्देशों को देख सकते हैं।

                        Leave a Reply

                        Your email address will not be published. Required fields are marked *