Class 12 Chemistry : A Guide to Atomic Structure in hindi useful for UP Board Exam 2024 (परमाणु की संरचना)

आज की इस पोस्ट में Class 12 Chemistry Atomic Structure: Proton, Neutron, Electron, Isobars & Isotopes परमाणु की संरचना, प्रोटॉन, इलेक्ट्रोंस न्यूट्रॉन के गुण, संभारिक तथा समस्थानिक में अंतरआदि के बारे में जानेंगे|

उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा सत्र 2023 -24 की बोर्ड परीक्षाएं शीघ्र ही करायी जानी हैं | UPMSP board exam 2023 -24 के लिए विद्यार्थियों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है| इसी परिपेक्ष में हम यह पोस्ट तैयार कर रहे हैं जिसमें रसायन विज्ञान से संबंधित विभिन्न तथ्यों को सरलता से समझने की कोशिश की गई है|

The board examinations for the session 2023-24 are to be conducted soon by the UP Board Secondary Education Council in Uttar Pradesh. Students have started preparation for UPMSP board exam 2023 -24. In this context, we are preparing this post Class 12 Chemistry: A Guide to Atomic Structure in hindi for UP Board Exam 2024 (परमाणु की संरचना) in which an attempt has been made to understand various facts related to chemistry easily. In today’s post, we will learn about the structure of atom, properties of protons, electrons, neutrons, difference in material and isotopes etc.

Atomic Structure, Proton Neutron, electron
Atomic Structure: Proton, Neutron and Electron

Class 12 Chemistry : परमाणु की संरचना (Atomic Structure)

परमाणु के केंद्र में एक नाभिक होता है  , जिसका आकार परमाणु से बहुत छोटा होता है | यह परमाणु के अधिकांश भार को धारित करता है | नाभिक पर विधुतीय धन आवेश होता है तथा यह ऋण आवेशित कणों अर्थात् इलेक्ट्रोनों से घिरा होता है |इन बाह्य इलेक्ट्रानों द्वारा ही परमाणु का व्यास निर्धारित होता है |

Class 12 Chemistry : डाल्टन का परमाणुवाद

डाल्टन ने ज्ञात नियमों के आधार पर निम्न परिकल्पनाएं दीं

  • तत्व अनेक सूक्ष्म कणों  से मिलकर बना होता है , जिन्हें परमाणु कहते हैं |
  • परमाणु अविभाज्य है अर्थात् परमाणु को किसी भी विधि द्वारा से अन्य सूक्ष्म कणों में विभाजित नहीं किया जा सकता |
  • पामाणु न तो  नष्ट किये जा सकते हैं और न ही उत्पन्न किये जा सकते हैं |
  • एक ही तत्व के परमाणु आकर ,द्रव्यमान तथा अन्य सभी गुणों में एक – दूसरे के समान होते हैं |
  • विभिन्न तत्वों के परमाणु आकार ,द्रव्यमान तथा अन्य सभी गुणों में एक – दुसरे से भिन्न होते हैं |
  • रासायनिक परिवर्तनों में परमाणु अपनी निजी सत्ता बनाये रखते हैं |
  • दो या दो से अधिक तत्वों के परमाणु सरल गुणित अनुपात ( अर्थात् 1:1 , 1: 2 , 2:3 आदि ) में संयुक्त होकर यौगिक परमाणु ( जो अब अणु कहलाते है ) बनाते हैं |  

 अतः डाल्टन के परमाणुवाद के आधार पर , किसी भी तत्व का वह छोटे – से छोटा  अविभाज्य कण , उसकी रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकते है , परमाणु कहलाता हैं |

परमाणु शब्द ग्रीक भाषा के शब्द ‘a-tomic’ से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है अविभाज्य |

Class 12 Chemistry : आधुनिक परमाणुवाद, समस्थानिक (Isotopes), समभारिक (Isobars):

आधुनिक परमाणुवाद के अनुसार ,

  • परमाणु अविभाज्य नहीं है बल्कि यह इलेक्ट्रोन , प्रोटान ,तथा न्यूट्रान आदि मूल कणों से मिलकर बना होता है तथा इसे पुनः इन कणों में विभाजित भी किया जा सकता है |
  • समस्थानिक (Isotopes): एक ही तत्व के परमाणु भिन्न – भिन्न द्रव्यमानों के भी हो सकते हैं | ऐसे परमाणुओं को समस्थानिक (Isotopes) कहा गया | इन तत्वों के परमाणु क्रमांक समान होते हैं | उदाहरण के लिए हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक प्रोतियम ,ड्यूटीयम तथा ट्राइटियम हैं | जिनके परमाणु भार क्रमशः 1 ,2 तथा 3 हैं |
  • समभारिक (Isobars): भिन्न – भिन्न तत्वों के अर्थात् भिन्न परमाणु क्रमांकों वाले परमाणुओं के परमाणु भार समान भी हो सके हैं | ऐसे परमाणुओं को समभारिक (Isobars) कहा जाता है | तत्वों के परमाणु संयुक्त होकर अणु बनाते हैं न कि यौगिक | परमाणु स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकते ,परन्तु अणु स्वतंत्र अवस्था में रहने वाले सुक्ष्तम कण हैं |
  • यौगिकों में तत्वों के परमाणुओं में सरल गुणित अनुपात होना अनिवार्य नहीं है |
  • रासायनिक अभिक्रियाएँ ,पर्मनुओ के मध्य इलेक्ट्रानों के आदान – प्रदान द्वारा होती हैं |
  • यधपि परमाणुओं को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट ,तथापि नाभिकीय अभिक्रियाओं के द्वारा भारी तत्वों के परमाणुओं को हल्के तत्वों के परमाणुओं में तथा हल्के तत्वों के परमाणुओं को भारी के परमाणुओं में परिवर्तित किया जा सकता है |    .

Atomic Structure: परमाणु के मूल कण

परमाणु ,इलेक्ट्रान , प्रोटान तथा न्यूट्रान  से मिलकर बना होता है ,जिनके प्रमुख लक्षण निम्न हैं

इलेक्ट्रोन

यह परमाणु का अत्यंत छोटा कण होता है | इसकी खोज जे.जे. थामसन ने 1897 ई. में की थी | इस कण पर 1.6 *10-19   कूलाम ऋण आवेश अर्थात्  एक इकाई ऋण आवेश होता है | इसका भार हाइड्रोजन के भारका 1/1837 वां अर्थात् 9.1*10-31 किग्रा होता है |  इसे e-  से प्रदर्शित कतरे है |

प्रोटान

यह परमाणु का अतिसुक्ष्म धनावेशित कण है | इया कण पर एक इकाई ( 1.6*10-19 कूलाम ) धनावेश होता है | इसकी खोज रदरफोर्ड द्वारा 1919 ई. में की थी | इसका भार हाइड्रोजन के परमाणु भार के लगभग बराबर होता है | इसे ‘p’ या1H1  से प्रदर्शित करते हैं |  

न्यूट्रान

न्यूट्रान भी परमाणु का एक अनिवार्य घटक है | यह कण विधुत उदासीन होता है अर्थात् इस कण पर इकाई आवेश नहीं होता है | इसकी खोज चैडविक ने की थी | इसे ‘a’ या 0n1 से  प्रदर्शित किया जाता है | न्यूट्रान का द्रव्यमान 1.6750*10-27 किग्रा अर्थात् हाइड्रोजन के परमाणु भार के लगभग बराबर होता है |  

Atomic structure: Part of an Atom (इलेक्ट्रान ,प्रोटान ,तथा न्यूट्रान के गुण )

गुण इलेक्ट्रान प्रोटान न्यूट्रान
आवेश /C-1.602*10-19  +1.602*10-190
आवेश संख्या ( सापेक्षित आवेश )-1+10
भार9.1*10-31  किग्रा1.673*10-27  किग्रा1.675*10-27  किग्रा  
सापेक्षित भार11837 183
Atomic structure : Part of Atoms

Class 12 Chemistry : कैथोड तथा एनोड किरणें

कैथोड :-

विसर्जन नलिका में कम दाब पर एक वैधुत कुचालक गैस में उच्च वोल्टेज धरा को दो इलेक्ट्रोडों के मध्य प्रवाहित करने पर एक ऋण आवेशित कणों की धरा कैथोड से एनोड की ओर प्रवाहित होती है ,इन किरणों को कैथोड किरणें कहते हैं |

कैथोड किरणों के गुण

  • ये किरणें सीधे पथ पर गमन करती हैं तथा अपने पथ के मध्य में रखी ठोस वस्तु की छाया उत्पन्न करती हैं |
  • ये किरणें द्रव्यमान कणों से निर्मित होती हैं तथा यांत्रिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं |
  • ये विधित तथा चुम्बकीय क्षेत्रों में धनावेशित प्लेट की ओर विक्षेपित हो जाती हैं  अतः ये ऋण आवेशित होती हैं |
  • ये जिस पदार्थ से टकराती है ,उसे गर्म कर देती हैं |
  • कैथोड किरणें एल्युमीनियम तथा अन्य धातुओं को बेध सकती हैं |
  • कैथोड किरणें फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित करती हैं |
  • जब कैथोड किरणें टंगस्टन धातु या उच्च गलनांक की किसी अन्य वस्तु पर गिरती हैं तो x- किरणें उत्पन्न होती हैं |
  • जे.जे.थामसन ने प्रयोग द्वारा सिध्द किया कि इलेक्ट्रानों के लिए आवेश तथा द्रव्यमान का अनुपात एक नियतांक है |  

एनोड :-

जन विसर्जन नलिका में छिद्रित  कैथोड लिया जाता है ,तो उच्च वोल्टता उत्पन्न करने पर कैथोड किरणों की विपरीत दिशा से धनावेशित कणों की एक धारा चलती है ,जिसे धनात्मक किरणें या एनोड किरणें या कैनाल किरणें कहते हैं |

एनोड किरणों के गुण

  • एनोड किरणें सीधी रेखा में चलती हैं तथा अपने मार्ग में रखी वस्तु की छाया उत्पन्न करती हैं |
  • विधुत एवं चुम्बकीय क्षेत्र में ये किरणें ऋण आवेशित सिरे की ओर विक्षेपित हो जाती अहिं ,जिससे यह सिध्द होता है कि इनके कण धनावेशित होते हैं |
  • एनोड किरणें भी अपने पथ में रखे पहिए घुमा देती हैं तथा गर्म kar देती हैं |
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