Accounting concepts: What is Accounting? 10 useful terms of Accounting, एकाउंटिंग समझें हिंदी में

Accounting concepts: What is Accounting? 10 useful terms of Accounting, एकाउंटिंग समझें हिंदी में
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Accounting concepts: Accounting concepts, yaane ki lekhaankan ke siddhaant, vyavasaayik vitt ke mool tathya hote hain jo vyapaarik gatividhiyon ka lekha-jokha banate hain. Yeh samajhna mahatvapurn hai agar aap apne vyavasaay mein vittiy prabandhan ko sahi tarike se karna chahte hain. Lekhaankan ke mool siddhaanton ko samajhkar, aap apne karobaar ke vittiy parinaamon ko behtar tarike se samajh sakte hain aur uchit nirnay le sakte hain.

Accounting concepts:

What is Accounting?

Accounting concepts: What is Accounting? 10 useful terms of Accounting, एकाउंटिंग समझें हिंदी में
Accounting

एकाउंटिंग का हिंदी अर्थ लेखांकन होता है अर्थात व्यापार में होने वाले लेनदेन (transaction) को रिकॉर्ड/संग्रहीत करना, विश्लेषण करना, संक्षेपित और व्याख्या करना जिससे सम्बंधित पार्टी को निष्पक्ष और स्पष्ट जानकारी मिल सके | (The Hindi meaning of accounting is accounting, that is, recording/collecting, analyzing, summarizing and interpreting the transactions taking place in business so that the concerned party can get fair and clear information.)

“Or”

लेखांकन एक प्रक्रिया है जिसमें व्यावसायिक लेनदेनों को संग्रहीत, संक्षेपित, विश्लेषित और व्याख्यात किया जाता है। यह व्यवसाय की वित्तीय गतिविधियों को परिभाषित करता है और संगठित करता है, ताकि संबंधित पार्टियों को सही और निष्पक्ष जानकारी मिल सके।

Accounting is the process of storing, summarizing, analyzing and interpreting business transactions. It defines and organizes the financial activities of a business, so that correct and unbiased information can be provided to the relevant parties.

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Basic Concepts of Accounting (मूलभूत लेखांकन की अवधारणाएँ):

Accounting concepts
  1. Assets (संपत्ति): Resources owned by a business, such as cash, inventory, and property.
    • व्यवसाय के संपत्ति को दर्शाता है, जैसे कि नकदी, सूची, और संपत्ति। उदाहरण के रूप में, यदि एक कंपनी के पास 100,000 रुपये की नकदी, 50,000 रुपये की सूची, और 200,000 रुपये की संपत्ति है, तो यह सभी इस कंपनी की संपत्ति होंगी।
  2. Liabilities (देयता): Obligations or debts owed by the business to external parties.
    • व्यवसाय के बाहरी पार्टियों के प्रति देय राशियों या ऋणों को दर्शाता है। उदाहरण के रूप में, यदि एक कंपनी को 50,000 रुपये का ऋण है, तो यह कंपनी के पास 50,000 रुपये की देयता होगी।
  3. Equity (स्वामित्व): Represents the owner’s stake in the business after deducting liabilities from assets.
    • बाहरी देयों को संपत्तियों से घटाकर, मालिक की भागीदारी को दर्शाता है। उदाहरण के रूप में, यदि एक कंपनी की संपत्तियाँ 300,000 रुपये हैं और देयता 50,000 रुपये है, तो मालिक का स्वामित्व 250,000 रुपये होगा।
  4. Revenue (राजस्व): Income generated from the sale of goods or services.
    • माल या सेवाओं की बिक्री से उत्पन्न आय को दर्शाता है। उदाहरण के रूप में, यदि एक कंपनी को एक माह में 100,000 रुपये की बिक्री होती है, तो इसका राजस्व 100,000 रुपये होगा।
  5. Expenses (व्यय): Costs incurred in the process of earning revenue.
    • आय कमाने की प्रक्रिया में उत्पन्न खर्चों को दर्शाता है। उदाहरण के रूप में, यदि एक कंपनी की बिक्री के लिए 50,000 रुपये का खर्चा होता है, तो इसका व्यय 50,000 रुपये होगा।
  6. Profit (लाभ): The difference between revenue and expenses.
    • राजस्व से व्यय को कम करने के परिणामस्वरूप उत्पन्न किया जाता है। उदाहरण के रूप में, यदि एक कंपनी का राजस्व 100,000 रुपये है और उसके व्यय 50,000 रुपये हैं, तो इसका लाभ 50,000 रुपये होगा।
  7. Loss (हानि): When expenses exceed revenue.
    • व्यय से राजस्व को अधिक करने के परिणामस्वरूप उत्पन्न किया जाता है। उदाहरण के रूप में, यदि एक कंपनी का राजस्व 50,000 रुपये है और उसके व्यय 100,000 रुपये हैं, तो इसका हानि 50,000 रुपये होगा।
  8. Debits and Credits (डेबिट और क्रेडिट): Entries made to record transactions in the accounting equation.
    • लेखांकन में लेन-देन को दर्शाता है, जिसमें प्रत्येक लेन-देन का दोनों दिशाओं में प्रभाव होता है।
  9. Double-Entry System (डबल-एंट्री प्रणाली): Every transaction affects at least two accounts, ensuring accuracy.
    • हर लेन-देन को कम से कम दो खातों पर प्रभाव डालता है, जिससे सटीकता सुनिश्चित होती है।
  10. Accrual Basis (उत्तरदायित्व आधार): Recording transactions when they occur, regardless of when cash is exchanged.
    • लेन-देन को तब भी दर्ज किया जाता है, जब वह होता है, चाहे नकदी की विनिमय हो या न हो।

20 Terms of Accounting concepts (लेखांकन के 20 शब्द):

  1. Balance Sheet (संतुलन पत्रक)
  2. Income Statement (आय प्रमाण पत्र)
  3. Cash Flow Statement (नकद प्रवाह प्रमाण पत्र)
  4. Accounts Receivable (नामांकन स्वीकारन)
  5. Accounts Payable (नामांकन देय)
  6. Depreciation (अपशिष्टता)
  7. Trial Balance (परीक्षण संतुलन)
  8. General Ledger (सामान्य मुखसार)
  9. Journal Entry (लेखा प्रविष्टि)
  10. Profit and Loss Statement (लाभ और हानि प्रमाण पत्र)
  11. Cost of Goods Sold (विक्रित वस्तु का लागत)
  12. GAAP (सामान्य स्वीकृत लेखांकन सिद्धांत)
  13. FIFO (पहले आया, पहले निकला)
  14. LIFO (आखिरी आया, पहले निकला)
  15. Cash Basis Accounting (नकदी आधारित लेखांकन)
  16. Accruals (उत्तरदायित्व)
  17. Financial Ratios (वित्तीय अनुपात)
  18. Audit (निरीक्षण)
  19. Equity Ratio (स्वामित्व अनुपात)
  20. Net Income (नेट आय)
  1. संतुलन पत्रक (Balance Sheet): संतुलन पत्रक एक लेखांकन दस्तावेज़ है जो व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को एक निश्चित समयावधि के लिए दर्शाता है। यह व्यवसाय के संपत्ति, देयता, और स्वामित्व को प्रकट करता है। उदाहरण के रूप में, एक संतुलन पत्रक में नकदी, बैंक खाते, और प्रॉपर्टी की जानकारी शामिल होती है।
  2. आय प्रमाण पत्र (Income Statement): आय प्रमाण पत्र एक लेखांकन दस्तावेज़ है जो व्यवसाय की आय और व्यय को एक निश्चित समयावधि के लिए दर्शाता है। यह व्यवसाय के आय, व्यय, लाभ और हानि को प्रकट करता है।
  3. नकद प्रवाह प्रमाण पत्र (Cash Flow Statement): नकद प्रवाह प्रमाण पत्र एक लेखांकन दस्तावेज़ है जो व्यवसाय के नकदी के प्रवाह को एक निश्चित समयावधि के लिए दर्शाता है। यह व्यवसाय के नकदी के आवंटन और प्राप्ति को प्रकट करता है।
  4. नामांकन स्वीकारन (Accounts Receivable): नामांकन स्वीकारन वह राशि है जो एक व्यक्ति या संगठन दूसरों से प्राप्त करता है, लेकिन अभी तक उसे अदा नहीं किया गया है।
  5. नामांकन देय (Accounts Payable): नामांकन देय वह राशि है जो एक व्यक्ति या संगठन दूसरों को देने के लिए वित्तीय लिया है, लेकिन अभी तक उसे अदा नहीं किया गया है।
  6. अपशिष्टता (Depreciation): अपशिष्टता एक लेखांकन प्रक्रिया है जिसमें विशिष्ट वित्तीय एवं अर्थशास्त्रिक संपत्तियों की मूल्य की निर्धारण करने के लिए उनकी उपयोगिता को निर्धारित किया जाता है।
  7. परीक्षण संतुलन (Trial Balance): परीक्षण संतुलन एक लेखांकन दस्तावेज़ है जो सभी लेखांकन खातों के डेबिट और क्रेडिट का विवरण प्रदान करता है।
  8. सामान्य मुखसार (General Ledger): सामान्य मुखसार एक लेखांकन दस्तावेज़ है जो सभी लेखांकन लेखों की संक्षिप्त जानकारी प्रदान करता है।
  9. लेखा प्रविष्टि (Journal Entry): लेखा प्रविष्टि व्यवसाय के लेन-देन को रिकॉर्ड करने के लिए एक लेखांकन प्रक्रिया है।
  10. लाभ और हानि प्रमाण पत्र (Profit and Loss Statement): लाभ और हानि प्रमाण पत्र एक लेखांकन दस्तावेज़ है जो व्यवसाय के आय और व्यय को एक निश्चित समयावधि के लिए दर्शाता है और व्यवसाय की लाभ और हानि को प्रकट करता है।
  11. विक्रित वस्तु का लागत (Cost of Goods Sold): यह लेखांकन प्रक्रिया है जिसमें व्यवसाय की बिक्री के लिए वित्तीय लागतों का आकलन किया जाता है।
  12. सामान्य स्वीकृत लेखांकन सिद्धांत (GAAP): यह एक सेट है वित्तीय लेखांकन के मानकों और नियमों का जिसे स्वीकार किया जाता है व्यवसायिक लेखांकन के लिए।
  13. पहले आया, पहले निकला (FIFO): यह एक वस्तु का इंवेंट्री प्रणाली है जिसमें पहले आये वस्तु को पहले निकाला जाता है।
  14. आखिरी आया, पहले निकला (LIFO): यह एक वस्तु का इंवेंट्री प्रणाली है जिसमें आखिर में आये वस्तु को पहले निकाला जाता है।
  15. नकदी आधारित लेखांकन (Cash Basis Accounting): यह एक लेखांकन प्रणाली है जिसमें लेन-देन केवल जब नकदी प्राप्त होती है, उस समय पर दर्ज किया जाता है।
  16. उत्तरदायित्व (Accruals): यह वित्तीय प्रणाली है जिसमें लेन-देन केवल जब समय या समाप्ति होती है, उस समय पर दर्ज किया जाता है, बिना देखे कि क्या नकदी प्राप्त हुई है या नहीं।
  17. वित्तीय अनुपात (Financial Ratios): यह लेखांकन प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न वित्तीय पैरामीटर्स की एक-दूसरे के साथ तुलना की जाती है।
  18. निरीक्षण (Audit): यह एक प्रक्रिया है जिसमें व्यवसाय की लेन-देन और लेखांकन की सत्यता और पारदर्शिता की जांच की जाती है।
  19. स्वामित्व अनुपात (Equity Ratio): यह एक वित्तीय अनुपात है जो कंपनी के स्वामित्व की गणना करता है, जो विभाजन के बाद देखा जाता है।
  20. नेट आय (Net Income): यह लेखांकन प्रक्रिया है जिसमें व्यवसाय की कुल आय से कुल व्यय को कटा जाकर व्यवसाय की आखिरी लाभ की गणना की जाती है।

Types of Accounting (लेखांकन के प्रकार):

Accounting
  1. Financial Accounting (वित्तीय लेखांकन)
  2. Management Accounting (प्रबंधन लेखांकन)
  3. Cost Accounting (लागत लेखांकन)
  4. Tax Accounting (कर लेखांकन)
  5. Auditing (निरीक्षण)
  1. वित्तीय लेखांकन (Financial Accounting): वित्तीय लेखांकन एक प्रकार का लेखांकन है जो व्यवसायिक लेन-देनों को रिकॉर्ड करता है और इन लेन-देनों की सारणी बनाकर उनके वित्तीय परिणामों को प्रस्तुत करता है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यवसाय के वित्तीय स्वास्थ्य की प्रतिदिनता, विश्लेषण और प्रस्तावित करना है, ताकि संबंधित पार्टियों को सही और समय पर जानकारी मिले।
  2. प्रबंधन लेखांकन (Management Accounting): प्रबंधन लेखांकन एक आंकड़ेबाजी का प्रकार है जो किसी व्यवसाय के आंतरिक प्रबंधन और नियंत्रण को संदर्भित करता है। इसमें विभिन्न प्रबंधनीय कार्यों के लिए आंकड़े, रिपोर्ट और विश्लेषण तैयार किए जाते हैं जो कि नियंत्रण, योजना और निर्णय लेने में मदद करते हैं।
  3. लागत लेखांकन (Cost Accounting): लागत लेखांकन व्यवसाय में उत्पादन की लागत की प्रणाली है। इसमें उत्पादन की सभी लागतों का विवरण किया जाता है, जिसमें सामग्री, श्रम, और ओवरहेड शामिल होते हैं। यह व्यवसाय के लाभांश की निर्धारण में मदद करता है और व्यवसायिक निर्णयों को सहायक होता है।
  4. कर लेखांकन (Tax Accounting): कर लेखांकन एक प्रकार का लेखांकन है जो किसी व्यवसाय के वित्तीय लेखांकन को करने में मदद करता है। इसमें व्यापार के कर नियमों और विधियों के अनुसार विभिन्न करों की गणना, रिपोर्टिंग और भुगतान की जाती है।
  5. निरीक्षण (Auditing): निरीक्षण एक लेखांकन प्रक्रिया है जो व्यवसायिक लेन-देनों की सत्यता, प्रामाणिकता और पारदर्शिता की जाँच करती है। इसमें व्यवसाय के लेन-देनों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया, आंकड़े और नियंत्रणों की मान्यता की जाँच की जाती है ताकि उन पर सही और विश्वसनीय धारा हो।

Features of Accounting (लेखांकन की विशेषताएँ:):

  1. संरचना: लेखांकन विविध लेन-देनों को संरचित रूप में संग्रहीत करता है ताकि व्यवसायिक संदेशों को समझना और प्रस्तुत करना सरल हो।
  2. विश्लेषण: यह लेखांकन विभिन्न वित्तीय प्रवृत्तियों का विश्लेषण करता है ताकि व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को समझा जा सके।
  3. रिपोर्टिंग: लेखांकन व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को रिपोर्ट करता है, जो नियमित आधार पर अधिकारियों, निवेशकों, और सरकारी अधिकारियों को प्रस्तुत किया जाता है।
  4. नियंत्रण: लेखांकन नियंत्रण का सही और पारदर्शी मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिससे व्यवसाय की संचालन और नियंत्रण में सुधार हो।
  5. निरीक्षण: लेखांकन निरीक्षकों और स्थानीय अधिकारियों को संदेश और लेनदेनों का मूल्यांकन करने में सहायक होता है।
  6. वित्तीय प्रबंधन: यह व्यवसाय की वित्तीय संपत्ति के प्रबंधन में मदद करता है, जैसे कि नकदी प्रबंधन, ऋण प्रबंधन, और निवेश निर्णय।

Benefits of Accounting (लेखांकन के लाभ):

  1. Financial Analysis (वित्तीय विश्लेषण): Helps in evaluating the financial performance of a business.
  2. Decision Making (निर्णय लेना): Provides information for making strategic decisions.
  3. Compliance (अनुपालन): Ensures adherence to legal and regulatory requirements.
  4. Budgeting and Forecasting (बजट बनाना और पूर्वानुमान): Facilitates planning and resource allocation.
  5. Investor Confidence (निवेशक विश्वास): Builds trust among investors by providing transparent financial reporting.
  6. Performance Evaluation (प्रदर्शन मूल्यांकन): Helps in assessing the efficiency and effectiveness of operations.
  7. Risk Management (जोखिम प्रबंधन): Identifies and mitigates financial risks to the business.
  8. Facilitates Growth (विकास को सुविधाजनक बनाता है): Provides insights for strategic expansion and investment.

Rules of Accounting (लेखांकन के नियम)

  1. संतुलन के नियम (Rules of Balance): यह नियम व्यवसाय के संतुलन को बनाए रखने के लिए हैं।
  2. लेन-देन के नियम (Rules of Debit and Credit): इस नियम के अनुसार, लेन-देन के समय विभिन्न खातों में राशि का वितरण होता है।
  3. स्वामित्व के नियम (Rules of Equity): यह नियम व्यवसाय के स्वामित्व को प्रदर्शित करते हैं।
  4. नियमों की समझ (Understanding of Rules): सही लेन-देन के नियमों की समझ व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है।
  5. उत्तरदायित्व के नियम (Rules of Accruals): इस नियम के अनुसार, लेन-देन का दर्जाना तभी होता है जब कि लेन-देन होता है, न कि नकदी मिलती है।
Introduction of Accounting and Tally Prime

Cycle of Accounting (लेखांकन की चक्रवृद्धि)

  1. सूक्ष्मांकन (Analysis): व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और लेन-देन का विश्लेषण करना।
  2. ट्रांजैक्शन (Transactions): व्यवसायिक लेन-देन को सूचीबद्ध करना और दस्तावेज़ बनाना।
  3. प्रोसेसिंग (Processing): लेन-देन को लेखांकन प्रणाली में प्रक्रिया करना।
  4. रिपोर्टिंग (Reporting): लेखांकन दस्तावेज़ों के माध्यम से वित्तीय परिणामों की रिपोर्ट तैयार करना।
  5. विश्लेषण (Interpretation): लेखांकन परिणामों का विश्लेषण करके निर्णय लेना।
  6. नियंत्रण (Control): लेखांकन के नियमों और नियमों का पालन करना और आवश्यक सुधार करना।

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